दुर्मिल सवैया

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दुर्मिल सवैया करना सबका अति मान सदा, अपमान कभी मत भूल करो। सम-आदर भाव विभोर करो, सबके उर में मधु स्नेह भरो। सबको अपने उर में रख लो, शिव शंकर हो ...

अध्याय

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